Ayurvedic upay

गुरुवार, 14 मई 2020

पाइल्स और फिशर के लिए आयुर्वेदिक दवाएं


 

 पाइल्स और फिशर के लिए आयुर्वेदिक दवाएं: क्या प्राकृतिक उपचार एक विकल्प है?

 

 जिस तरह से हम आधुनिक दिनों में अपनी जीवनशैली की गतिविधियों को प्राथमिकता देते हैं, उससे हमारे स्वास्थ्य को एक महत्वपूर्ण झटका लगा है।  अनियमित खान-पान, जंक फूड और पाचन से संबंधित समस्याओं के कारण लोगों में बवासीर और विदर में काफी वृद्धि हुई है।  केरल आयुर्वेद से प्राकृतिक उपचार और दवाइयां बवासीर और संबंधित मुद्दों से पीड़ित रोगियों में दर्द बिंदुओं की पहचान करने में मदद कर सकती हैं और कल्याण के लिए उनकी यात्रा पर उनका पोषण कर सकती हैं।

 



 आधुनिक दुनिया ने लोगों को लगभग एक धब्बा में बदल दिया है जहाँ जीवन एक व्यस्त गति से चलता है।  हमने काम और परिवार के बीच इस बेदम यात्रा को समायोजित करने के लिए अपनी जीवनशैली और दिन-प्रतिदिन की गतिविधियों को आकार दिया है।

 परिणाम?  यह अकल्पनीय टोल हमारे शरीर पर होता है और धीरे-धीरे होने वाला नुकसान।  आमतौर पर 60 और 70 साल के बच्चों में देखी जाने वाली बीमारियाँ और बीमारियाँ एक दशक पहले 30 और 40 साल के बच्चों में व्यापक रूप से फ़ैल जाती हैं।

 पुरुषों और महिलाओं में देखी जाने वाली सबसे प्रमुख बीमारियों में से एक है जो 30 के दशक और 40 के दशक में बवासीर और फिस्टुला के कारण होती है।



 पाइल्स को समझना

 जिस तरह से लोगों ने अपनी जीवन शैली को फिर से बनाना शुरू कर दिया है, उसके कारण खाने की आदतों में भारी गिरावट आती है।  जब तक बिना सोचे-समझे, इससे पुरानी दस्त नहीं हो सकती, तब मलाशय पर भारी दबाव पड़ता है, जबकि लगातार कब्ज के कारण मल का गुजरना अंत में फिशर और बवासीर में समाप्त हो जाता है।



 ठीक होने का सफर

 जबकि बवासीर के लिए आयुर्वेदिक दवाएं मौजूद हैं, चयापचय त्रुटियों और जीवन शैली में सुधार बवासीर को ठीक करने की कुंजी है।  एक स्वस्थ आहार योजना को पूरा करना और अपनी दिनचर्या से हानिकारक गतिविधियों को बाहर निकालना धीरे-धीरे बवासीर और फिस्टुला से पीड़ित लोगों को प्राकृतिक रूप से ठीक होने में मदद कर सकता है।

 आयुर्वेद ने कई जड़ी-बूटियों और प्राकृतिक अवयवों की पहचान की है जो बवासीर के लिए एक औषधि के रूप में काम करते हैं।  केरल आयुर्वेद में, हमने पिलोगेस्ट बनाने के लिए इन महत्वपूर्ण सामग्रियों का उपयोग किया है - एक आयुर्वेदिक मालिकाना मौखिक पूरक मूल कारण का इलाज करना है जो बवासीर, गुदा से खून बह रहा है और बवासीर की ओर जाता है।

 हल्दी, चित्रक, गुग्गुलु और त्रिफला के अर्क के साथ हाथी पैर रतालू और टच-मी-प्लांट का अनूठा संयोजन, यह बवासीर और फिस्टुला के लिए सबसे अच्छी आयुर्वेदिक दवा में से एक बनाता है।

 Pilogest एक हल्के रेचक क्रिया के साथ आपके चयापचय को नियंत्रित करता है और आसान मल त्याग को सुविधाजनक बनाने में मदद करता है।  पिलोगेस्ट का नियमित सेवन दर्द को कम करता है, पित्त द्रव्यमान के संकोचन को बढ़ावा देता है और उपचार को गति देता है।





 टच-मी-नॉट प्लांट ब्लीडिंग पाइल्स का इलाज करने के लिए एक प्रसिद्ध आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है।  इसमें एल्कलॉइड मिमोसिन होता है, जो दर्द को कम करता है और सूजन को कम करता है।  इस पौधे की फेनोलिक सामग्री और एंटीऑक्सीडेंट कार्रवाई घाव भरने में तेजी लाती है।  प्राचीन काल में, आयुर्वेदिक चिकित्सकों ने बवासीर के इलाज के लिए टच-मी-प्लांट का उपयोग करके बनाया गया काढ़ा निर्धारित किया था।  पित्त द्रव्यमान को ठीक करने के लिए पत्ती के पेस्ट के बाहरी अनुप्रयोग का उपयोग पारंपरिक रूप से किया जाता था।

 



 बवासीर और फिस्टुला के इलाज के लिए एलीफेंट फुट याम का उपयोग किया जाता है।  फाइबर का एक उत्कृष्ट स्रोत, यह मल त्याग को नियंत्रित करता है और कब्ज को रोकता है और कार्बोहाइड्रेट और फाइबर के कारण चयापचय में सुधार करता है।

 



 पिलोगेस्ट कैप्सूल में मौजूद त्रिफला में टैनिन, गैलिक, एलाजिक एसिड और विटामिन सी जैसे विशेष फाइटो-घटक होते हैं, जो न केवल आंत्र को खाली करने में मदद करते हैं, बल्कि एक उत्कृष्ट एंटी-ऑक्सीडेंट के रूप में भी काम करते हैं, जो पाइल्स और फिस्टुला की भविष्य में होने वाली घटनाओं को रोकते हैं।

 



 गुग्गुल राल को आयुर्वेद में सबसे अच्छा विरोधी भड़काऊ जड़ी बूटी के रूप में जाना जाता है।  यह फिस्टुला-एनोरेक्टल और रक्तस्रावी स्थितियों में सूजन को कम करने में मदद करता है।  गुग्गुल एक रेचक और कसैला एजेंट है जो आसानी से बवासीर के बायोएक्टिव एटियोलॉजिकल घटक को मेटाबोलाइज़ करता है, विशेष रूप से टॉक्सिन्स (एएमए)।  गोंद राल स्टेरॉयड का एक समृद्ध स्रोत साबित होता है जो दर्द और खुजली से राहत देता है।
 



 हल्दी अपने एंटी-माइक्रोबियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों के साथ द्वितीयक माइक्रोबियल संक्रमण के हमले को रोकता है और रक्तस्रावी रक्तस्राव को गिरफ्तार करता है।  यह गुदा खुजली को कम करने में भी मदद करता है।

 



 बवासीर और फिस्टुला के इलाज में आयुर्वेदिक दवा कैसे मदद कर सकती है

 उपरोक्त प्राकृतिक अवयवों के सावधानीपूर्वक प्रयोग से केरल आयुर्वेद के उपाय मदद कर सकते हैं:

 मलाशय के रक्तस्राव को कम करता है

 दर्द और खुजली को दूर करता है

 पुराने कब्ज से राहत दिलाता है

 गुदा फलाव, सूजन और सूजन को नियंत्रित करता है

 आसान मल त्याग की सुविधा देता है

 जबकि पाइलोगेस्ट बवासीर और फोड़ों को ठीक करने के लिए प्रभावी आयुर्वेदिक दवा है, हम बवासीर के गंभीर मुकाबलों से पीड़ित लोगों के लिए थोड़े बदलाव की सलाह देंगे।  चरम मामलों में, सर्वोत्तम परिणामों के लिए अभयारिस्तम और चिरुविलवाड़ी क्वाथ टैबलेट के साथ पिलोगेस्ट कैप्सूल का उपयोग किया जा सकता है।

 इससे पहले कि आप उपरोक्त आहार लें, केरल आयुर्वेद किसी भी दवा को लेने से पहले आपको हमारे आयुर्वेदिक चिकित्सकों से परामर्श करने की दृढ़ता से सलाह देता है।



 Pilogest Capsule के दुष्प्रभाव

 इस दवा के साथ कोई भी दुष्प्रभाव दर्ज नहीं हैं।  गर्भावस्था और स्तनपान के दौरान सुरक्षित।  चिकित्सा देखरेख में लिया जाना चाहिए।



 पिलोगेस्ट कैप्सूल की खुराक

 रातबवासीर और फिस्टुला के इलाज के लिए सर्जरी एकमात्र तरीका नहीं है।  दवाओं और उपचार के लिए अन्य विकल्पों से पहले प्राकृतिक मार्ग की यात्रा करें।  जैसा कि पहले उल्लेख किया गया है, एक स्वस्थ दिनचर्या और समय पर भोजन का सेवन उस मामले से पाइल्स और किसी भी अन्य बीमारी को दूर करने में मदद कर सकता है।  हैप्पी लिविंग।

मंगलवार, 12 मई 2020

Increase your sex stamina

Food for sex

 Wana does not only affect our health and skin, but also our sex life.
 But it also falls.  Jhatician Trupti Srivastava says that during sex, the energy in the body and
 It is very important to have both arousal.  Only then can sex be successful.  Arousing sex
 Thrives when you feel fit from inside.  It is important that you have something in your food
 Include special elements, which along with strength also increase your sex and having sex.
 Wali should also be saved from health related problems.
 • Take a glass of lukewarm milk at bedtime.
 • Make a powder by mixing 5 grams of sugar and 5 grams of muesli and with milk in the morning and evening
 Take it.
 • Drink two spoons of honey in a glass of lukewarm milk.
 • Add nuts to milk.
 • Add milk saffron at bedtime at night.
 • Halwa is also very beneficial to increase sex power.  By eating it you fit yourself inside
 will feel.
 • In Halwa, you can eat dates, almonds and cream pudding.
 • Adam, pistachio, chilgoge can be eaten by grinding them, then roasting them in ghee and adding sugar.
 • Amla pudding will also be very beneficial.
 • Grind white almonds, liquorice and saffron and mix them in milk and make pudding once a day.
 Take it.
 • Kasturi, Makardhwaj, Moong Bhasma, Javaphal, Cinnamon, Bhimseni Kapoor, Musli and Cardamom Halwa
 Make and eat.
 • Its nutmeg mixed with nutmeg, cloves, sweet camphor, saffron, almond kernel, chilgoge kernel, pumpkin naung
 Can cook and eat.
 • Dry grapes, white musli, saffron, carom seeds, camphor kachri and triphala are all different codes -
 Grind and filter and mix it with honey and eat it as modak.
 You must take any fruit throughout the day, if you want to take fruits only to increase sex power.
 If there is fruit and apple and banana.  It contains vitamin B and potassium, so that the body gets energy
 Along with it, sexual arousal also increases.

हद्दीजोड का कमाल टुटी हड्डी भी जोड़ेगी

प्राचीन काल से ही मनुष्य अपने रोगों का इलाज जड़ी बूटियों के माध्यम से करता आया है। कालांतर में लिखी इसी विधा की कई किताबें आज भी दुनिया के तमाम प्रकार के रोगों का इलाज कर रही हैं। हड्डियां मानव श्रृंखला की जड़ होती हैं जब इन्हीं में दर्द शुरू हो जाये तब इंसान दुख ग्रस्त हो जाता है। इन्हीं जोड़ों में एक जोड़ घुटने का भी होता है जो पैरों के बीच स्थित होता है। घुटना दर्द एक ऐसा रोग है जो आज के दौर में आम हो गया है। मसलन यह मर्ज बीते दौर में बुढ़ापे का रोग कहलाता था लेकिन आज समाज का हर तबका इसकी जद में आ चुका है।
बदलते दौर में लगातार जीवनशैली में परिवर्तन और गलत खान पान के अलावा पुरानी चोट ओर मधुमेह सहित मोटापा भी इसका बड़ा कारण माना जाता है। खान पान में विकृतियों के चलते इंसान की हड्डियों में यूरिक एसिड जमा होकर दर्द बढ़ा देता है। घुटना दर्द के लिए आज के दौर में कई प्रकार की चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध हैं लेकिन आयुर्वेद द्वारा काफी हद तक इस रोग पर विजय प्राप्त की जा सकती है। आज इस लेख के माध्यम से हम आपको आयुर्वेद द्वारा घुटना दर्द में। फायदे और नुकसान पर प्रकाश डालेंगे।
आयुर्वेदिक उपचार के फायदे।
जड़ी बूटियों द्वारा निर्मित दवाएं हमारे जीवन को नया प्रकाश देती हैं। मसलन कुछ ऐसे उपाय हैं जिनसे हम घुटने दर्द में लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
दूध और अश्वगंधा का सेवन
दूध पीकर नवजात शिशु बड़ा होता है। दूध ऐसा पदार्थ है जिसमें कैल्शियम की भरपूर मात्रा पाई जाती है। अश्वगंधा एक ऐसी जड़ी होती है जो शरीर की हड्डियों को प्रचुरता से विटामिन डी प्रदान करती है। एक चम्मच अश्वगंधा चूर्ण खाकर एक गिलास गुनगुना दूध पीने से घुटने में उठ रहा दर्द समाप्त हो जाता है।
लहसुन और सरसों तेल के फायदे
लहसुन एक प्राकृतिक दर्द नाशक माना जाता है। हड्डियों के दर्द में 10 से 15 कली लहसुन को सरसों के तेल में अच्छे से उबालकर जोड़ों पर मालिश करें। इससे दर्द में राहत मिलती है। इसके अलावा लहसुन को उबालकर बचे हुए पानी की एक चम्मच मात्रा दिन में सूप की भांति 2 बार सेवन करने से घुटना दर्द समाप्त हो जाता है।
लौंग के फायदे
लौंग ऐसा दर्द निवारक है जो मिनटों में दर्द दूर भगा देता है। चार से 5 कली लौंग को तवे पर भूनकर इसे चूर्ण बना लें। इसी चूर्ण में एक चम्मच देशी शहद मिलाकर खाली पेट इस्तेमाल करने से घुटना दर्द दूर होने लगता है। इसे नियमित तौर पर इस्तेमाल करने से शरीर मे मौजूद हड्डियों के समस्त विकार दूर होने लगते हैं।
आयुर्वेदिक उपचार के नुकसान
आदिकाल से दवाओं के रूप में इस्तेमाल की जाने वाली जड़ी बूटियों का वैसे तो कोई नुकसान देखने को नहीं मिलता लेकिन कुछ सावधानियां ना बरतने पर यह जानलेवा साबित हो सकता है। मसलन जब भी हम इस उपचार माध्यम का प्रयोग करें चिकित्सक की सलाह जरूर लें। औषधि इस्तेमाल करने से पहले उसकी मात्रा के बारे में अच्छे से जान लें। यदि गलत मात्रा का सेवन किया गया तो यह इंसान के आंतरिक अंगों को प्रभावित कर सकता है जो किसी भी रूप में शरीर पर साइड इफेक्ट के रूप में सामने आ जाता है।
रामबाण औषध

स्तोत्-गुगल फोटो
हड़जाेड़ ( Hadjod ) को आयुर्वेद में हड्डी जोड़ने की कारगर दवा बताया गया है। इसे अस्थि संधानक या अस्थिशृंखला ( Asthisamharaka ) के नाम से भी जानते हैं। यह छह इंच की खंडाकार बेल होती है। इसके हर खंड से एक नया पौधा पनप सकता है। हृदय के आकार जैसी दिखने वाली पत्तियों वाले इस पौधेे में लाल रंग के मटर के दाने के बराबर फल लगते हैं। जानते हैं इसके बारे में:-
उपयोग और लाभ
भूरे रंग का हड़जाेड़ ( Cissus Quadrangularis ) पौधा स्वाद में कसैला और तीखा होता है। इसकी बेल में हर 5-6 इंच पर गांठ होती है। इस पौधे की प्रकृति गर्म होती है। जैसा कि इसके नाम से ही साफ है कि यह टूटी हड्डियों को जोड़ने मेंं कारगर है ( Plants Used For Healing Of Bone Fracture )। यह खाने और लगाने दोनों में काम आता है।
ऐसे लें :
250-500 मिलीग्राम की मात्रा में सुबह-शाम दूध के साथ लें। इसका रस निकालकर ठंडे दूध के साथ ले सकते हैं। इसका 5-6 अंगुल तना लेकर बारीक टुकड़े काटकर काढ़ा बना लें व सुबह-शाम पीएं।
खास बातें : हड़जाेड़ ( Veld Grape ) में सोडियम, पोटैशियम, कार्बोनेट भरपूर पाया जाता है। इसमें मौजूद कैल्शियम कार्बोनेट और फॉस्फेट हड्डियों को मजबूत करता है। आयुर्वेद सेंट्रल लैब के एक शोध में पाया गया कि हड़जाेड़ ( Devil's Backbone ) के उपयोग से हड्डी के जुड़ने का समय 33-50 फीसदी तक कम हो जाता है। यानी प्लास्टर के साथ हड़जाेड़ ( Pirandai ) लिया जाए तो हड्डी जल्दी जुड़ती है। ये हड्डियों को लचीला भी बनाता है इसलिए इसका प्रयोग खिलाड़ी भी करते हैं। 

सेक्स पावर बढ़ाने वाली औषधियां

फूड फोर सेक्स


वाने का प्रभाव केवल हमारे स्वास्थ्य और त्वचा पर हो नहीं पड़ता, बल्कि इसका हमारे सेक्स जीवन
पर भी पड़ता है। झटिशियन तृप्ति श्रीवास्तव का कहना है कि सेक्स के दौरान शरीर में ऊर्जा और
कामोत्तेजना दोनों का होना बेहद जरूरी है. तभी सेक्स सफल हो सकता है। सेक्स के लिए कामोत्तेजना तभी
पनपती है, जब आप अंदर से खुद को फिट महसूस करें। इसके लिए जरूरी है कि आप अपने खाने में कुछ
खास तत्वों को शामिल करें, जो ताकत के साथ आप में कामवासना को भी बढ़ाए और सेक्स के दौरान होने
वाली स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों से भी बचाए।
• आप रात को सोते समय एक गिलास गुनगुना दूध लें।
• 5 ग्राम मिश्री और 5 ग्राम मूसली को मिलाकर इसका चूर्ण बना लीजिए और सुबह-शाम इसे दूध के साथ
लें।
• एक गिलास हल्के गुनगुने दूध में दो चम्मच शहद डालकर पिएं।
• दूध में मेवा डालकर लें।
• रात में सोते समय दूध में केसर डालकर लें।
• सेक्स शक्ति बढ़ाने के लिए हलवा भी काफी फायदेमंद है। इसे खाने से आप खुद को अंदर से फिट
महसूस करेंगे।
• हलवे में आप छुहारे, बादाम और मलाई का हलवा खा सकते हैं।
• आदाम, पिस्ता, चिलगोजे को पीसकर, फिर घी में भूनकर शक्कर मिलाकर खा सकते हैं।
• आंवले का हलवा भी बेहद फायदेमंद रहेगा।
• सफेद बादाम, मुलहठी और केसर इन सबको पीसकर दध में मिलाकर हलवा बनाएं और दिन में एक बार
लें।
• कस्तूरी, मकरध्वज, मूंग भस्म, जावफल, दालचीनी, भीमसेनी कपूर, मूसली और इलायची का हलवा
बनाकर खाएं।
• जायफल, लौंग, मीठा कपूर, केसर, बादाम गिरी, चिलगोजे की गिरी, कद्द की नौंगी मिलाकर इसका पेठा
बनाकर खा सकते हैं।
• मुनक्का, सफेद मूसली, केसर, अजवायन, कपूर कचरी और त्रिफला इन सबको अलग-अलग कूट-
पीसकर छान लें और शहद में मिलाकर इसका मोदक बनाकर खाएं।
दिनभर में कोई एक फल आप जरूर लें, अगर आप फल केवल सेक्स पावर बढ़ाने के लिए लेना चाहते
हैं तो फल में सेब और केला लें। इसमें विटामिन-बी और पोटैशियम होता है, जिससे शरीर को ऊर्जा तो
मिलती ही है, साथ में कामोत्तेजना भी बढ़ती है।
सेक्स पावर बढ़ाने वाली औषधियां
सेक्स पावर को बढ़ाने के लिए खाद्य पदार्थों के अतिरिक्त कई आयुर्वेदिक औषधियां भी हैं, जैसे-
• सफेद प्याज के रस को शहद के साथ मिलाकर खाने से सेक्स पावर बढ़ती है।
• बेल के पत्तों के रस में कमल के फूल की डंडी की राख तथा गाय का घी मिलाकर प्रातकाल सेवन करने
से सेक्स पावर बहुत बड़ जाता है।
• ताजे हरे आंवले का रस निकालकर शहद के साथ चाटना भी फायदेमंद रहता है।
• इमली के बीजों का छिलका उतारकर उसमें मिश्री मिलाकर गादा मिश्रण तैयार कर लें और गोलियां
बनाकर रोजाना शाम को दूध के साथ खाएं। इससे शीघ्रपतन की समस्या दूर होती है।
• शतावर को दूध में डालकर गाढ़ा करें और चीनी डालकर पिएं। इसे पीने से कामेच्छा और कामशक्ति
बढ़ेगी।
• घी, महुआ के फूल व मुलहटी को दूध के साथ पकाएं और रोज इसका सेवन करें। इसे पीने से बल, बुद्धि
और सेक्स पावर बढ़ती है।
यह बात सही है कि मुखी वैवाहिक जीवन का मूल आधार सेक्स है. पर जब तक आप आत्मविश्वास पैदा
नहीं करेंगे या नहीं बढ़ाएंगे, किसी भी चीज या सलाह पर विश्वास नहीं करेंगे, तब तक दवाईयां, टॉनिक,
रसायन या शक्तिवर्द्धक खाह भी प्रभाव नहीं डाल सकते।

दही में नमक डाल कर न खाऐं

दही को आयुर्वेद की भाषा में जीवाणुओं का घर माना जाता है, अगर एक कप दही में आप जीवाणुओं की गिनती करेंगे तो करोड़ों जीवाणु नजर आएंगे।
अगर आप मीठा दही खायेंगे तो ये बैक्टीरिया आपके लिए काफ़ी फायदेमंद साबित होंगे।
वहीं अगर आप दही में एक चुटकी नमक भी मिला लें तो एक मिनट में सारे बैक्टीरिया मर जायेंगे और उनकी लाश ही हमारे अंदर जाएगी जो कि किसी काम नहीं आएगी।
अगर आप 100 किलो दही में एक चुटकी नामक डालेंगे तो दही के सारे बैक्टीरियल गुण खत्म हो जायेंगे क्योंकि नमक में जो केमिकल्स है वह जीवाणुओं के दुश्मन है।
दही में नमक डाल कर न खाऐं
कभी भी आप दही को नमक के साथ मत खाईये। दही को अगर खाना ही है, तो हमेशा दही को मीठी चीज़ों के साथ खाना चाहिए, जैसे कि गुड के साथ, बूरे के साथ आदि।
इस क्रिया को और बेहतर से समझने के लिए आपको बाज़ार जाकर किसी भी साइंटिफिक इंस्ट्रूमेंट की दूकान पर जाना है, और वहां से आपको एक लेंस खरीदना है, अब अगर आप दही में इस लेंस से देखेंगे तो आपको छोटे-छोटे हजारों बैक्टीरिया नज़र आएंगे।
ये बैक्टीरिया जीवित अवस्था में आपको इधर-उधर चलते फिरते नजर आएंगे. ये बैक्टीरिया जीवित अवस्था में ही हमारे शरीर में जाने चाहिए, क्योंकि जब हम दही खाते हैं तो हमारे अंदर एंजाइम प्रोसेस अच्छे से चलता है।
आयुर्वेद में कहा गया है कि दही में ऐसी चीज़ मिलाएं, जो कि जीवाणुओं को बढाये ना कि उन्हें मारे या खत्म करे।
दही को गुड़ के साथ खाईये, गुड़ डालते ही जीवाणुओं की संख्या मल्टीप्लाई हो जाती है और वह एक करोड़ से दो करोड़ हो जाते हैं थोड़ी देर गुड मिला कर रख दीजिए।
बूरा डालकर भी दही में जीवाणुओं की ग्रोथ कई गुना ज्यादा हो जाती है।
मिश्री को अगर दही में डाला जाये तो ये सोने पर सुहागे का काम करेगी।
सुना है कि भगवान कृष्ण भी दही को मिश्री के साथ ही खाते थे।
पुराने जमाने में लोग अक्सर दही में गुड़ या मिश्री डाल कर दिया करते थे।

सोमवार, 11 मई 2020

डायबिटीज का काल, शुगर का अंत

 डायबिटीज का काल है
यह वनस्पति इसका नाम है गुडमार और इससे शुगर का इलाज आयुर्वेद से किया जा सकता है। इसके लिए आयुर्वेद में एक वनस्पति बनाई जा चुकी है यह वनस्पति है गुड़मार गुड यानी चीनी मारे ने मार देने वाली इसका मतलब है हमारे जो शरीर में ज्यादा शुगर बनती है इसका कंट्रोल करना और यह वनस्पति यह काम बड़ी आसानी से करती है।


आपको करना क्या है सिर्फ इस वनस्पति के चार या पांच पत्ते खाना खाने के बाद खाने है इससे होगा क्या आपके शरीर में या ब्लड में जो भी ज्यादा शुगर बनेगी वही वनस्पति खत्म कर देगी इससे आपके ब्लड का शुगर लेवल हमेशा बना रहेगा और आप मधुमेह से मुक्त हो सकते हैं याद रखिए यह वनस्पति बहुत गुणकारी एवं मधुमेह में या डायबिटीज में बहुत गुणकारी बताई गई है आप इसका उपयोग करके डायबिटीज को हमेशा के लिए बाय बाय कर सकते हैं।